बलिदान की विश्वव्यापी आवश्यकता
ऋषि और मुनिगण युगों से जानते थे कि लोग छल अर्थात् माया और पाप में जीवन व्यतीत करेंगे। यह सभी धर्मों, युगों के लोगों और… और पढ़ें »बलिदान की विश्वव्यापी आवश्यकता
ऋषि और मुनिगण युगों से जानते थे कि लोग छल अर्थात् माया और पाप में जीवन व्यतीत करेंगे। यह सभी धर्मों, युगों के लोगों और… और पढ़ें »बलिदान की विश्वव्यापी आवश्यकता