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पर्वत को पवित्र बनाने वाला बलिदान

कैलाश पर्वत (या कैलासा) चीन के तिब्बती क्षेत्र में भारतीय सीमा के पार एक पर्वत है। हिंदू, बौद्ध और जैन कैलाश पर्वत को एक पवित्र… और पढ़ें »पर्वत को पवित्र बनाने वाला बलिदान

मोक्ष प्राप्ति के लिए अब्राहम का साधारण तरीका

ग्रंथ महाभारत निःसंतान राजा पांडु द्वारा सामना किए गए संघर्षों को स्मरण करता है, जो कि एक उत्तराधिकारी के बिना था। ऋषि किंदामा और उनकी… और पढ़ें »मोक्ष प्राप्ति के लिए अब्राहम का साधारण तरीका

अब्राहम के द्वारा आरम्भ की गई: सभी समयों और सभी लोगों के लिए तीर्थयात्रा

कटारागामा महोत्सव के लिए की जाने वाली तीर्थ यात्रा (पदयात्रा) भारत से बाहर भी होती है। यह तीर्थयात्रा भगवान् मुरुगन (भगवान् कटारागामा, कार्तिकेय या स्कंद)… और पढ़ें »अब्राहम के द्वारा आरम्भ की गई: सभी समयों और सभी लोगों के लिए तीर्थयात्रा

संस्कृत और इब्रानी वेदों का सम्मिलन: क्यों?

मेरी पिछली पोस्ट अर्थात् लेख में मैंने संस्कृत वेदों में मनु के वृतान्त और इब्रानी वेदों में नूह के वृतान्त के मध्य में कई समानताओं… और पढ़ें »संस्कृत और इब्रानी वेदों का सम्मिलन: क्यों?

कैसे मानव जाति आगे बढ़ती रही – मनु (या नूह) के वृतान्त से सबक

हमारी पिछली पोस्ट अर्थात् लेख में हमने यह देखा था कि मोक्ष की प्रतिज्ञा मानवीय इतिहास के बिल्कुल ही आरम्भ में दे दी गई थी।… और पढ़ें »कैसे मानव जाति आगे बढ़ती रही – मनु (या नूह) के वृतान्त से सबक

आरम्भ से ही – मोक्ष की प्रतिज्ञा

मेरे पिछले कुछ लेखों में मैंने यह देखा कि कैसे उसकी आरम्भिक रची हुई अवस्था से पाप में गिर कर मनुष्य पतित हो गया। परन्तु… और पढ़ें »आरम्भ से ही – मोक्ष की प्रतिज्ञा

भ्रष्ट (भाग 2)… आपने निशाने से चूक जाना

मेरे पिछले लेख में मैंने यह देखा था कि कैसे वेद पुस्तक (बाइबल) हमें यह विवरण देती है कि हम परमेश्‍वर के वास्तविक स्वरूप जिसमें… और पढ़ें »भ्रष्ट (भाग 2)… आपने निशाने से चूक जाना

परन्तु पृथ्वी-के-मध्य में रहने वाले – ओर्कस् की तरह भ्रष्ट

मेरे पिछले लेख में मैंने बाइबल आधारित उस नींव को देखा था कि – कैसे हमें यह देखना चाहिए कि हम परमेश्वर के स्वरूप में… और पढ़ें »परन्तु पृथ्वी-के-मध्य में रहने वाले – ओर्कस् की तरह भ्रष्ट

परमेश्‍वर के स्वरूप में

हमने पहले ही देख लिया है कि कैसे पुरूषासूक्ता का आरम्भ समय के आरम्भ होने से पहले होता है और यह कैसे परमेश्‍वर की मनसा… और पढ़ें »परमेश्‍वर के स्वरूप में

मोक्ष – कर्मों से स्वतंत्रता को प्राप्त करना

कर्म, गुरत्वाकर्षण की तरह ही, एक ऐसी व्यवस्था है जो कि आपके और मेरे ऊपर कार्यरत् है। कर्म का अर्थ बहुत सी बातें हो सकती… और पढ़ें »मोक्ष – कर्मों से स्वतंत्रता को प्राप्त करना